महत्वपूर्ण यह नहीं कि आप लक्ष्य बनाते हैं या नहीं। महत्वपूर्ण यह है कि लक्ष्य प्राप्त करने की दिशा में आप कितना प्रयास करते हैं और उन्हें कितना पूरा कर पाते हैं।

हर साल, लाखों लोग सकारात्मक बदलाव की उम्मीद में नए साल के संकल्प (New Year Resolution) करते हैं। प्रत्येक वर्ष सामान्यतया लोग स्वास्थ्य और फिटनेस, सक्रिय दृष्टिकोण, बेहतर वित्त और व्यक्तिगत और व्यावसायिक विकास की दिशा में नई चीज़ें सीखने और तरक़्क़ी करने के लक्ष्य बनाते हैं।
अच्छे इरादों के बावजूद, एक बार जब नए साल की चमक फीकी पड़ जाती है, तो बहुत से लोग अपनी योजनाओं को पूरा करने के लिए संघर्ष करते हैं और असफल हो जाते हैं। जर्नल ऑफ क्लिनिकल साइकोलॉजी में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, नए साल के संकल्प (New Year Resolution) करने वाले केवल 46% लोग ही सफल हुए। इसका मतलब है कि नए साल के लिए लक्ष्य(Goals) निर्धारित करने वाले आधे से ज़्यादा लोग असफल हो जाएंगे!
अध्ययन में ऐसे लोग भी शामिल थे, जिन्होंने नए साल का संकल्प (New Year Resolution) नहीं किया था, लेकिन एक लक्ष्य था जिसे वे उस वर्ष हासिल करना चाहते थे। केवल 4% ऐसे लोग अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में सफल रहे, जो नए साल का संकल्प (New Year Resolution) करने वालों की तुलना में कहीं अधिक निराशाजनक परिणाम थे।
स्वाभाविक रूप से, हम उन लोगों के समूह में नहीं रहना चाहते हैं जो अपनी आकांक्षाओं और सपनों को प्राप्त करने में विफल रहते हैं, इसलिए हम आपके संकल्प New Year Resolution को पूरा करने के लिए कुछ समाधान लेकर आए हैं।
आपका New Year Resolution काम क्यों नहीं करता?
हम सब फिर से नए साल के लिए कुछ सपने, कुछ लक्ष्य (Goals) बनाएँगे। कुछ छोटे, कुछ बड़े जैसे कार, घर, बैंक बैलेंस, विदेश यात्राएं, परिवार के साथ छुट्टियां, पहचान, दुनिया को प्रभावित करना, समाज सेवा आदि। ये सभी महान हैं और मैं आपका और जो आप हासिल करना चाहते, सम्मान करता हूँ।
इन्हें हम डायरी में लिखेंगे या कागज़ पर लिख कर दीवार पर चिपकाएंगे। अपने सपनों की तस्वीर काटकर भी चिपकाएँगे, कुछ दिन तक उत्साहित भी रहेंगे, लगेगा इस बार तो इसे पूरा करके ही रहेंगे। कुछ लोग तो कुछ न कुछ प्रयास भी शुरू कर देंगे। लेकिन जैसे-जैसे दिन बीतेते जाएँगे, पिछले सालों की तरह हम में से ज़्यादातर लोग भूल ही जाएँगे कि हमने कोई लक्ष्य (Goals) बनाया भी था। और इसी तरह से 2023 भी आ जाएगा। फिर अपराधबोध(guilty feeling) के साथ हम अगले साल भी यही करेंगे, ऐसा हम वर्षों से करते आए हैं।
हो सकता है कि आपने कई प्रशिक्षण कार्यक्रमों में भी भाग लिया होगा और अपने लक्ष्यों को पहले भी लिखा होगा। हर प्रशिक्षण सत्र में प्रशिक्षक लक्ष्य लिखने के तरीक़े बताते हैं, जैसे – स्मार्ट लक्ष्य(SMART Goals), अपने सपनों को चित्रित करना(Paste the Picture), अपने सपनों की कल्पना(Visualize) करना और अपने सपनों को क्रिस्टलाइज(Crystalize) करना आदि। ये सभी अवधारणाएं महान हैं। मैंने भी उन्हें इतने सालों तक आजमाया था। लेकिन तथ्य यह है कि अगर कार की तस्वीरें चिपकाना और कार की टेस्ट राइड लेना आपके सपनों की कार पाने के लिए पर्याप्त होता, तो हर व्यक्ति अब तक अपने सपनों की कार चला रहा होता।
क्या आपने कभी सोचा है कि हर बार ऐसा क्यों होता है? हम सब कुछ तो करते हैं फिर चूक कहाँ हो जाती है? आइए आज इसे समझने की कोशिश करते हैं।
लक्ष्य (Goals) लिखना और अपने लक्ष्यों की तस्वीरें अपने चारों ओर चिपकाना महत्वपूर्ण है लेकिन पर्याप्त नहीं। लक्ष्यों को सफलता पूर्वक हासिल करने के लिए बहुत सी चीज़ें ज़रूरी होती हैं जैसे Clarity, Right Direction, Break Up, Commitment, Accountability और Consistency, इनके बारे में हम बाद में विस्तार से चर्चा करेंगे।
लेकिन यदि आप गंभीरता से अपने लक्ष्यों को प्राप्त करना चाहते हैं, तो आपको दो अलग-अलग प्रकार के लक्ष्यों के बीच के अंतर को समझना होगा जिनके बारे में आज मैं बात करने जा रहा हूं।
लक्ष्य(Goals) दो प्रकार के होते हैं –

1. परिणाम आधारित लक्ष्य (Result Based Goals)
2. प्रक्रिया आधारित लक्ष्य (Process Based Goals)
आपकी कार, घर, रैंक, बैंक बैलेंस, छुट्टियाँ ये सभी परिणाम आधारित लक्ष्य हैं लेकिन आप अपने परिणाम आधारित लक्ष्यों को तब तक प्राप्त नहीं कर सकते जब तक आप अपने प्रक्रिया आधारित लक्ष्य निर्धारित नहीं करते। प्रक्रिया आधारित लक्ष्य आपके दैनिक कार्य होते हैं जिन्हें आपको अपने परिणाम-आधारित लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए करने की ज़रूरत होती है। आपको इस बारे में स्पष्ट होना चाहिए कि आप कौन सी कार चलाना चाहते हैं, लेकिन साथ ही, आपको इस बारे में बहुत स्पष्ट होना चाहिए कि उस कार को प्राप्त करने के लिए आपको क्या कदम उठाने होंगे। इस तरह वे आपके प्रक्रिया-आधारित लक्ष्य बन जाते हैं।
इसे गहराई से समझने में मैं आपकी मदद करता हूं, उदाहरण के साथ।

क्या आप जानते हैं कि हमारे फोन में जीपीएस कैसे काम करता है?
मान लेते हैं आप भोपाल में हैं और आप जबलपुर जाना चाहते हैं। अब आप जबलपुर को अपने मोबाइल में जीपीएस एप में डाल देंगे। जीपीएस आपको तुरंत जबलपुर पहुंचने के लिए दूरी और समय बताएगा। 321 किमी और 6घंटे 24 मिनट। इसके बाद जैसे ही आप START बटन दबायेंगे, GPS अब जबलपुर के बारे में बात नहीं करेगा, 321 किमी और 6घंटे 24 मिनट के बारे में भी नहीं। बल्कि यह तुरंत आपका ध्यान अगले कुछ मीटर और अगले मोड़ पर स्थानांतरित कर देगा।
ये आपको दिखाएगा कि आप आगे 500 मीटर जाएं और बाएं मुड़ें। फिर 1 किमी चलकर दाएं मुड़ें। फिर अगले चौक से बाएं मुड़ सकते हैं, और जैसे ही आप एक के बाद एक मोड़ लेते हैं, जीपीएस केवल अगले चरणों पर ही ध्यान केंद्रित करेगा। जैसे-जैसे आप आगे बढ़ते हैं आप जबलपुर के बारे में चिंतित नहीं होते हैं, आपका सारा ध्यान और ऊर्जा अगले कुछ मीटरों को सुरक्षित रूप से पूरा करने की दिशा में लग जाता है।
इसी तरह जब भी आप अपने जीवन के लक्ष्य तय करें, इसे अपने 6-12 महीने के लक्ष्यों में विभाजित करें, और फिर इसे अपने मासिक, साप्ताहिक और दैनिक लक्ष्यों में विभाजित कर लें। इसे अपने दैनिक कार्य का हिस्सा बना लें। एक बार जब आप अपने दैनिक कार्यों के बारे में स्पष्ट हो जाते हैं, तो आपको अपने बड़े जीवन लक्ष्यों के बारे में चिंता करने की आवश्यकता नहीं होती। आप बस अपने दैनिक कार्यों में महारत हासिल करते जाएँ, दैनिक लक्ष्यों को हासिल करते जाएँ, बड़े लक्ष्य अपने आप प्राप्त हो जाएंगे।

मुझे विश्वास है कि इस बार जब आप नए साल के लिए लक्ष्य बनाएँगे तो इस फ़ार्मूले को ज़रूर ध्यान में रखेंगे और अपने लक्ष्यों को हासिल भी कर लेंगे। नए साल के लिए आपको ढेरों शुभकामनाएँ। अपने लिए बड़े लक्ष्य बनाएँ और उन्हें हासिल करें यही मेरी कामना है।
THE SECRET OF LIFE(IN HINDI) NO.04-DON’T STOP, JUST KEEP GOING.
THE SECRET OF LIFE(IN HINDI) NO.03-TAKE ACCOUNTABILITY OF YOUR ACTIONS AND WORDS
THE SECRET OF LIFE(IN HINDI) NO.02-FIND THE PURPOSE OF LIFE
THE SECRET OF LIFE(IN HINDI) NO.01– NEVER STOP LEARNING, BECAUSE LIFE NEVER STOPS TEACHING.
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