हमारे जीवन की गुणवत्ता (Quality of Life) इस बात पर निर्भर करती है कि हम अपना प्रत्येक दिन किस तरह से बिताते हैं और हमारी दिनचर्या (Daily Routine) कैसी है?
हम रोज़ उठते हैं, काम पर जाते हैं, घर वापस आते हैं और सो जाते हैं। लगभग यही हमारी दिनचर्या (Daily Routine ) होती है, हम इसके आदी हो जाते हैं और यह सोचते तक नहीं कि क्या हमारी दिनचर्या ( Daily Routine ) सही है, क्या हम इसके सहारे वो सब हासिल कर सकते हैं जो हम चाहते हैं?
यदि हम अपने रोज़मर्रा के कामों का आंकलन कर उनपर सुधार और नियंत्रण रख सकें तो हमारा जीवन ख़ुद ब ख़ुद सुधर जायेगा। हम ख़ुद पर गर्व कर सकेंगे, ज़िंदगी को लेकर कोई अफ़सोस नहीं रहेगा। यद्यपि यह इतना आसान नहीं है पर असम्भव भी नहीं है, हम कुछ छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखते हुए अपनी दिनचर्या( Daily Routine ) में सुधार करके जीवन में व्यापक बदलाव ला सकते हैं। ।
हम वो हैं जो हम बारबार करते हैं। उत्कृष्टता कोई कार्य नहीं बल्कि एक आदत है।
– अरस्तू
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सुबह उठने का समय निर्धारित करें

Early to bed and early to rise makes a man healthy, wealthy and wise.
दुनिया में जितने भी सफल लोग हुए हैं, ज़्यादातर Early Risers होते हैं। हर दिन ज़ल्दी उठने की आदत बनायें। यदि हमारा सुबह उठने का समय सही है तो हमारी दिनचर्या अनुशासित होगी, और हम अपने दिन का बेहतर उपयोग कर पायेंगे।
सोने के घंटे तय करें

यदि हम हर दिन 7-8 घंटे की अच्छी नींद लेते हैं तो इसका मतलब है कि हम पूर्ण स्वस्थ हैं और अपना समय उत्पादक तरीक़े से बिताने में सक्षम हैं। अव्यवस्थित नींद के घंटों का मतलब है कि हममें अनुशासन की कमी है।
व्यायाम को दिनचर्या का हिस्सा बनायें

किसी भी क्षेत्र में सफल होने के लिए हमारा मानसिक रूप से स्वस्थ होना बहुत ही ज़रूरी है, एक स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन का निवास होता है। अपने आप को मनोदैहिक रूप से स्वस्थ रखने के लिए नियमित व्यायाम को अपनी दिनचर्या का अनिवार्य हिस्सा बनाना होगा। यदि हम प्रतिदिन 30-60 मिनट तक व्यायाम करते हैं तो इसका मतलब है कि, हम मनोदैहिक रूप से स्वस्थ हैं और बड़े लक्ष्य हासिल कर पायेंगे और व्यक्तिगत और व्यावसायिक जीवन की गुणवत्ता (Quality Of Life) भी बढ़ा पायेंगे।
दिन की गुणवत्ता की जाँच करें

आज का दिन कैसा बीता? दैनिक अनुभव के आधार पर जाँचने की आदत बनायें और अगले दिन सुधार का लक्ष्य रखें। अपने दिन की समीक्षा इस तरह से कर सकते हैं कि आज हमने किसी की तारीफ़ की, किसी की सहायता की, कोई साहसिक काम किया, प्रेरणा ली या किसी को प्रेरित किया, सकारात्मक कार्यों में दिन बिताया या अपनी सीमाओं से परे कोई बड़ी उपलब्धि हासिल की। यह आदत हमें सजग बनायेगी साथ ही अगले दिन कुछ उल्लेखनीय करने को प्रेरित भी करेगी।
अपने काम के घंटों की समीक्षा करें

हम सब रोज़ कुछ न कुछ नियमित काम करते हैं, काम के निर्धारित घंटों में हम कई तरह के काम करते हैं जैसे कुछ छोटे-छोटे काम जो ज़रूरी तो होते हैं लेकिन महत्वपूर्ण नहीं होते लेकिन काम के कुछ घंटे ऐसे होते हैं जिनमें हम पूरे फोकस के साथ लम्बी अवधि की योजनाओं पर काम करते हैं। यही महत्वपूर्ण घंटे हमारी सफलता की दिशा तय करते हैं। यदि हम दिन का ज़्यादातर समय कम महत्व के कामों में लगाते हैं तो हमारी सफलता की संभावनाएं भी कम होती हैं।
यदि हम एक टीम के साथ काम करते हैं तो कम महत्व वाले काम अपनी टीम को सौंप दें और अपना समय ज़्यादा महत्वपूर्ण कामों में लगायें। हमारा जितना ज़्यादा समय महत्वपूर्ण कामों में लगेगा हमारे व्यावसायिक जीवन की गुणवत्ता (Quality of Life) उतनी ही बढ़ जायेगी और सफलता की सम्भावना भी।
दिनभर की महत्वपूर्ण घटनाओं पर नज़र रखें

ज़्यादातर लोग रोज़मर्रा के कामों को बस करते चले जाते हैं, दिनभर घटने वाली घटनाओं पर कुछ ध्यान ही नहीं देते। हममें से कइयों के साथ अक्सर ही कुछ न कुछ महत्वपूर्ण होता है, परंतु हम कभी भी उनपर ज़्यादा ध्यान नहीं देते। आज हमने क्या महत्वपूर्ण किया, जैसे कोई खुशी की घटना, किसी अच्छे व्यक्ति से मुलाक़ात, किसी की मदद आदि सकारात्मक बातें। अगर ठीक तरह से इनपर ध्यान दिया जाय तो धीरे-धीरे हमें अपनी स्वयं की अच्छाइयों और ग़लतियों दोनों का अहसास होने लगता है। इससे जीवन के हर क्षेत्र की गुणवत्ता (Quality of Life) बढ़ने लगती है। और सफलता की सम्भावनाएं भी।
अब तक हमने जिन बिंदुओं पर चर्चा की, किसी भी क्षेत्र में सफलता प्राप्त करने के लिये पर्याप्त तो नहीं हैं लेकिन काफ़ी हद तक ज़रूरी हैं। ये ऐसे बिंदु हैं जिनके आधार पर यदि हम चाहें तो अपनी दिनचर्या का एक व्यवस्थित चार्ट बनाकर भी आंकलन कर सकते हैं और सुधार की सम्भावनाओं पर काम कर सकते हैं।
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