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Top 6 Basic Differentiator Elements for Success(सफलता के विभेदक तत्व)
सफल लोगों में कुछ विशेष गुण होते हैं जो उन्हें बाक़ी लोगों से अलग करते हैं! सफलता के आयाम की चर्चा के पहले भाग में हम सफलता के तीन महत्वपूर्ण तत्वों की बात कर चुके हैं? अब हम 6 ऐसे गुणों की बात करेंगे जो एक सफल व्यक्ति को समाज के बाक़ी लोगों से पृथक करते हैं? जिन्हें हम Differentiator Elements for Success (सफलता के विभेदक तत्व) कहते हैं?
हम भाग्य भरोसे नहीं बैठ सकते कि लोग हम पर ध्यान दें। हमें अधिक सक्रिय होना होगा, सोच-विचार करना होगा और सचेत रूप से जागरूक होना होगा। यही सफलता का मूलमंत्र है। प्रत्येक विभेदक( Differentiators ) सफलता के तीन महत्वपूर्ण तत्वों (Three Critical Elements of Success) के साथ जुड़ा हुआ है।जिनकी चर्चा हम पहले कर चुके हैं।
मैं वास्तव में कैसे दिखता हूं? मैं खुद को दूसरों के सामने कैसे पेश कर रहा हूं? दूसरों पर मेरा प्रभाव क्या वैसा ही पड़ रहा है, जैसा मैं चाहता हूं?
ये कुछ सवाल हैं,जो एक स्वस्थ आत्म-जागरूक व्यक्ति को अपने आप से पूछने चाहिए।
प्रत्येक विभेदक(Differentiator) के नकारात्मक और सकारात्मक पक्ष हैं जिनसे आपको पहचाना जायेगा। आपको ग़लत कारणों के लिए जाना जाय इससे आपको बचना चाहिए।
Differentiator Elements 1: Authenticity (प्रामाणिकता)

हमारी प्रामाणिकता इस बात पर निर्भर करती है कि हम कितने सच्चे हैं। क्या हम जैसे दिखते हैं वैसे ही हैं, हम दिखावा नहीं करते। कहने की ज़रूरत नहीं पर हमें यह सत्य पता होना चाहिए कि हम कौन हैं? और हमारा मक़सद(Purpose of Life) क्या है? हमारे पास ज्यादातर प्रामाणिकता की कमी होती है क्योंकि हम पहचान और लोकप्रियता हासिल करने के लिए वैसा ही बनने की कोशिश करते हैं जैसा कि लोग चाहते हैं। यानि कि हम दिखावा करते हैं। प्रामाणिकता विश्वास की ओर ले जाती है और इसमें निरंतरता मायने रखती है।
Differentiator Elements 2: Work Ethics and Personal Responsibility (कार्य प्रणाली और व्यक्तिगत जिम्मेदारी)

“अपने इछित परिणाम प्राप्त करने के लिए दृढ़ विश्वास के साथ काम करें और परिणामों की जिम्मेदारी लें – तब भी जब वे वांछित परिणाम को पूरा करने में विफल होते हैं।” एक अच्छी कार्य प्रणाली इस बात पर निर्भर नहीं करती कि आपने कितना समय लगाया बल्कि इस बात पर निर्भर करती है कि उससे परिणाम क्या प्राप्त हुआ। यदि आप अपने आप को दूसरों से अलग करना चाहते हैं, तो “काम के लिए तत्परता दिखाएं, जितना आप से अपेक्षित है उससे ज़्यादा प्रयास करें, अपनी पूरी क्षमता से कार्य करें। और यदि आप अपना काम पूरा करते हैं, तो दूसरों की मदद करने की पेशकश करें।”
आपके जीवन में जो कुछ भी हो रहा है उसकी शत प्रतिशत ज़िम्मेदारी लें, दूसरों को दोष न दें। ऐसा करना अवास्तविक लग सकता है लेकिन शत प्रतिशत ज़िम्मेदार होने का फैसला करना आपको आगे बढ़ने में मदद करता है। पूरी ज़िम्मेदारी लेने का एक फ़ायदा यह भी है कि आपकी ज़िन्दगी में किसी की दख़लंदाज़ी नहीं है और आप अपना दोष किसी और पर मढ़ नहीं सकते। किसी और को दोषी बताकर आप ख़ुद को उचित ठहराने का प्रयास करते हैं, अपनी क्षमताओं को कम कर लेते हैं और अपनी प्रगति के विकल्पों को बन्द कर देते हैं। इसलिए आपकी सफलता के लिए ज़रूरी है कि आप अपनी ज़िम्मेदारी ख़ुद लें।
Differentiator Element 3: Listening (सुनना)

” दूसरों के शब्दों पर इस तरह से ध्यान केंद्रित करें कि आप समझ सकें और जो कहा गया है उसे सही तरीके से दोहरा सकें।” सुनना दूसरों के प्रति सम्मान दर्शाता है और दूसरों का आप पर विश्वास बनाता है। अपनी समझ को स्पष्ट करने के इरादे से प्रश्न पूछें।
Differentiator Element 4: Articulation (स्पष्ट बोलना)

सुनने और बोलने का आपस में गहरा सम्बंध है। ” स्पष्ट और संक्षिप्त तरीके से जानकारी प्रदान करें, जो वांछित प्रभाव पैदा करता है।” हमेशा बात करने से ही हमारी श्रेष्ठता सिद्ध नहीं होती। हमारी शब्दावली अच्छी हो। बोलने से पहले, अपनी भावनात्मक स्थिति पर विचार करें। इसके अलावा, इस बारे में सोचें कि आपका उद्देश्य क्या है और आप क्या बताने की कोशिश कर रहे हैं।
Differentiators Element 5: Sense of Humor (हास्यबोध)
Quote by William James
हमारा हास्यबोध हमारी सफलता में अहम भूमिका निभाता है। यदि हमारा स्वभाव रूढ़ है तो कोई भी हमें पसन्द नहीं करता और हमारी छवि एक अहंकारी व्यक्ति की बन जाती है। हास्य हमारे चारों तरफ मौज़ूद है, यहाँ तक कि यदि हम ख़ुद में भी हास्य की तलाश कर पायें तो अच्छा। हास्य परिप्रेक्ष्य प्रदान कर सकता है। इसलिए मुस्कुराइये। “चेहरे के भाव केवल संकेत नहीं करते कि कोई क्या महसूस करता है बल्कि वास्तव में उस भावना को व्यक्त करने में भी योगदान देते हैं। अगर हम तब भी मुस्कुराते हैं जब हम ऐसा महसूस नहीं करते हैं, तो हमारा मूड ख़ुद ब ख़ुद ठीक हो जाता है। हास्य/विनोद का प्रयोग उचित रूप से होना चाहिए। “सुनिश्चित करें कि आपके हास्य की शैली और सामग्री आपके उद्देश्य और स्तर के अनुरूप है।” हास्य/विनोद का मतलब बेहूदगी क़तई नहीं होना चाहिए।
Differentiators Element 6: Attitude of Gratitude (कृतज्ञता का भाव)

दुनिया में कोई भी सफलता बिना दूसरों की मदद के प्राप्त नहीं की जा सकती, बुद्धिमान और आत्मविश्वासी लोग मदद के लिए हमेशा आभार व्यक्त करते हैं।
–अल्फ्रेड नार्थ व्हाइटहेड
“जो आपके पास है उसके लिए हमेशा कृतज्ञ रहें। जब भी दूसरे आपके लिए कुछ करते हैं, उसके लिए हमेशा स्पष्ट रूप से आभार व्यक्त करें।” मेरा मानना है कि भले ही आप में ऊपर के सारे गुण हैं लेकिन कृतज्ञता की कमी अन्य सभी पर भारी पड़ सकती है। कृतज्ञता एक ऐसा विकल्प है जिसे हम हर दिन बनाते हैं। कृतज्ञता का रवैया रखने से आपको एक सकारात्मक दृष्टिकोण मिलता है जो आपको दूसरों के लिए अधिक आकर्षक बनाता है।
सफलता आपको सौभाग्य या दुर्घटना से मिलने वाली नहीं है। सफल होने के लिए प्रतिबद्धता(Commitment), ध्यान(Focus) और इच्छाशक्ति (Will Power) चाहिए।
सफलता के ये 9 आयाम हमें एक उपयोगी ढांचा प्रदान करते हैं जो हमें सबसे अलग एक अर्थपूर्ण जीवन बनाने में मदद करता है। ये 9 महत्वपूर्ण बिन्दु किसी के लिए भी जीवन की शुरुआत करने के लिए महान उपकरण हैं।