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11 Powerful Ways To Control Your Mind-In Hindi

मन(Mind) और मस्तिष्क(Brain) में बहुत ही सूक्ष्म फ़र्क़ है। जिस तरह से शरीर(Body) हमारी आत्मा(Soul) का घर है उसी तरह से हमारा मन भी मस्तिष्क में निवास करता है। मन हमारे विचारों(Thoughts) को नियंत्रित करता है, जबकि मस्तिष्क हमारे स्नायु-तंत्र(Nerves System) को नियंत्रित करता है, जिससे सम्पूर्ण शरीर का संचालन होता है।
हमारा मन विचारों की फ़ैक्ट्री है, हर पल नए विचार हमारे मन में उपजते रहते हैं। जिस तरह से हमारे शरीर की बाक़ी क्रियाएं, जैसे हृदय का धड़कना, धमनियों में रक्त का संचार, हमारी पलकों का झपकना आदि अपने आप चलती रहती हैं, हम चाह कर भी इन्हें रोक नहीं सकते, उसी प्रकार हम हमारे मन में आने वाले विचारों को संतुलित तो कर सकते हैं लेकिन रोक नहीं सकते। मन में आने वाले विचारों को संतुलित एवं स्थिर करके हम अपने मन को नियंत्रित(Control Your Mind) कर सकते हैं और बड़े से बड़ा लक्ष्य हासिल कर सकते हैं।
विचारों में स्थिरता और संतुलन(Serenity and Balance) ज़रूरी है

11 Powerful Ways to Control Your Mind (In Hindi)
वैज्ञानिक शोध के अनुसार हमारे मन में दिन भर में लगभग 70 हज़ार विचार आते हैं। आपको क्या लगता? हम इन्हें नियंत्रित कर सकते हैं? इनमें से 95% विचार या तो किसी काम के नहीं होते या फिर पुनरावृत्ति होते हैं। शोध यह भी बताते हैं कि इनमें से 80% विचार नकारात्मक होते हैं और ये हर क्षण बदलते रहते हैं।
हमारे विचार ठीक उस बीज की तरह होते हैं जिसे यदि पर्याप्त पोषण और माहौल मिले तो एक दिन विशाल वृक्ष बन जाता है। किसान सैकड़ों बीज ज़मीन में डालता है लेकिन क्या सारे बीज वृक्ष बन पाते हैं? नहीं न? केवल वही बीज अंकुरित होता है और बढ़ पाता जो ज़मीन के भीतर स्थिर रहता है और एक संतुलित तापमान और आर्द्रता पाता है। यदि इसे बार-बार एक जगह से दूसरी जगह रोपित करते रहें अथवा इसे गर्म रेतीली ज़मीन में रोप दें तो क्या होगा……….?
ठीक इसी तरह जिंदगी में कोई भी छोटा या बड़ा लक्ष्य हासिल करने के लिए हमारे दिमाग का स्थिर तथा संतुलित होना बहुत ज़रूरी है, ताकि हमारे विचारों को उचित पोषण और वातावरण मिल सके।
हमने पहले ही बात की थी कि प्रतिदिन आने वाले हमारे लगभग 80% विचार नकारात्मक होते हैं और यह विचार प्रति सेकंड बदलते रहते हैं। हमारे ये विचार भी बाक़ी बीजों की तरह ही होते हैं यदि हम इन्हें पोषित न करें और ऊर्ज़ा न दें तो ये कभी पनप नहीं पाएँगे। कोई भी लक्ष्य हासिल करने के लिए हमें अपने मन को नियंत्रित(Control Your Mind) करना होगा| यह तय करना होगा कि किस तरह के विचारों पर ध्यान केंद्रित करना है और ऊर्ज़ा देनी है।
दुनिया में जितने भी बड़े आविष्कार हुए हैं क्या वो एक बार में हो गए हैं? एक आविष्कार के पीछे हज़ारों बार की असफलता होती है। लेकिन यदि आविष्कारक दो-चार बार असफल होने के बाद अपना विचार बदल लेते तो क्या वह सम्भव हो पाता?
थॉमस अल्वा एडीसन ने एक बल्ब की खोज़ करने में 1000 बार असफलता का सामना किया था, यदि उन्होंने हार मान ली होती तो क्या दुनिया इस तरह से रोशन हो पाती जैसी आज है?
जब आप अपने लक्ष्य पर स्थिर रहते हैं, केंद्रित(Focused) रहते हैं, तब आपके दिमाग में एक से बढ़कर एक नए विचार आते हैं जो आपके लक्ष्य को हासिल करने में मदद करते हैं और आप तरक़्क़ी की राह पर आगे बढ़ते चले जाते हैं।
11 Powerful Ways to Control Your Mind? (In Hindi)
ये विचार आख़िर आते कहाँ से हैं?

अलग-अलग लोगों के मन में अलग-अलग तरह के विचार आते हैं। जो जिस तरह के वातावरण में रहता है, जिस तरह की बातें सुनता है, पढ़ता, लिखता और देखता है उसी तरह के विचार बार-बार आते हैं। ये विचार कई तरह के होते हैं जैसे सकारात्मक, नकारात्मक, ईर्ष्या, क्रोध और अहंकार वाले विचार।
अलग-अलग तरह के विचारों को रोकने या संतुलित(Control Your Mind) करने के तरीक़े अलग-अलग होते हैं। जैसे यदि आपके मन में नकारात्मक विचार ज़्यादा आते हैं, इसका मतलब है कि आपके आस-पास, घर-परिवार का माहौल नकारात्मक है। ध्यान रखें कि ऐसे माहौल में रहकर सकारात्मक रूप से सोचना लगभग असम्भव ही है। इसलिए ज़रूरी है अपने आस-पास के माहौल को बदलना। लेकिन सबको समझाना बहुत मुश्किल है, इसलिए यदि आपको कहीं और जाकर रहना पड़े तो आपको इस पर भी विचार करना चाहिए।
अहंकारी विचारों को सफल लोगों और महापुरुषों की जीवनी पढ़कर, योग और ध्यान(Meditation) के द्वारा बदला जा सकता है।
जितनी ज़्यादा सूचनाएं(information) हम अपने दिमाग में डालते हैं उतने ज़्यादा विचार हमारे दिमाग में आते हैं। मन को नियंत्रित(Control Your Mind) करना उतना ही मुश्किल हो जाता है| इसलिए ज़रूरी है कि हम अपने दिमाग में उतनी ही सूचनाएं डालें जो हमारे लिए ज़रूरी हों और हमारी सोच को सकारात्मक रखने में सहायक हों।
आप एक प्रयोग कर सकते हैं। एक सप्ताह के लिए सूचना के सभी साधनों, मोबाइल, टी.वी., कम्प्यूटर, समाचार-पत्र आदि से ख़ुद को दूर रख कर देखें। आप देखेंगे कि आपके विचारों की संख्या और गुणवत्ता में काफ़ी बदलाव आ जाएगा।
एक बात हमेशा याद रखें कि जो व्यक्ति जितना अधिक सकारात्मक होता है उसके मन में उतने ही कम विचार आते हैं और मन पर नियंत्रण(Control Your Mind) पाना आसान होता है|
क्या मन में आने वाले विचारों को रोका जा सकता है?
इस सवाल का ज़वाब है ‘नहीं’। हम अपने मन में आने वाले विचारों पर लग़ाम नहीं लगा सकते लेकिन हाँ! अभ्यास के द्वारा विचारों को सही दिशा देकर हम अपने मन को नियंत्रित(Control Your Mind) कर सकते हैं।
मन को नियंत्रित(Control Your Mind) करने से मतलब है कि विचारों को सही दिशा देना। सिर्फ़ उन्हीं बातों के बारे में सोचना जो हमें हमारे लक्ष्य तक पहुँचने में मददगार हों। विचारों को सही दिशा देने के लिए हमें कुछ छोटे-छोटे कदम उठाने पड़ेंगे। हो सकता है कि शुरुआत में यह आपको उबाऊ और मुश्किल लगे लेकिन धीरे-धीरे अभ्यास से आपको मज़ा आने लगेगा और यह आपकी आदत बन जाएगी। शोध बताते हैं कि हम जिस काम को लगातार 21 दिनों तक करते हैं वो हमारी आदत बन जाता है।
अब देखते हैं कि अपने मन और विचारों को हम कैसे नियंत्रित(Control Your Mind) कर सकते हैं। आइए अब 11 आसान और उपयोगी तरीक़ो की चर्चा करते हैं जो हमें हमारे मन को नियंत्रित (Control Your Mind) करने में सहायक हो सकते हैं:-
11 Powerful Ways To Control Your Mind-In Hindi

अपनी संकल्प शक्ति को बढ़ाएं
11 Powerful Ways to Control Your Mind (In Hindi)
किसी भी काम को करने के लिए दृढ़-इच्छाशक्ति और संकल्प शक्ति के साथ ही मन को नियंत्रित(Control Your Mind) करने की ज़रूरत होती है| रोज़ के छोटे-छोटे संकल्पों और लक्ष्यों से हम अपनी आदतों को बदल सकते हैं। जब हम रोज़ छोटे लक्ष्य बनाते और उन्हें हासिल करते हैं तो हमारा आत्मविश्वास बढ़ता है और हमारे विचारों में स्थिरता आती है। कुछ इस तरह के लक्ष्य हम बना सकते हैं:-
- आज मैं सुबह 5 बजे सोकर उठ जाऊँगा।
- आज मैं पूरे दिन टी वी नहीं देखूँगा।
- आज सुबह 9 बजे से दोपहर 12 बजे तक मोबाइल को हाँथ नहीं लगाऊँगा।
- आज मैं दिन में नहीं सोऊँगा।
- आज मैं पूरा दिन किसी भी सोशल मीडिया को नहीं खोलूँगा।
- आज मैं एक क़िताब पढ़ूँगा। इत्यादि
इस तरह के छोटे लक्ष्य आसानी से हासिल किए जा सकते हैं और संकल्प शक्ति को बढ़ाने में हमारी मदद कर सकते हैं, फलस्वरूप हम बड़े लक्ष्य बनाने और उन्हें हासिल करने के क़ाबिल बन जाते हैं।
अपना आत्मविश्वास बढ़ाएं
हमारा आत्मविश्वास जितना दृढ़ होगा हम उतनी आसानी से अपने विचारों में नियंत्रण पा सकते हैं। आत्मविश्वास को बढ़ाने के बहुत से तरीक़े हैं जैसे
- रोजाना सोने से पहले तथा उठने के बाद अपने आप को सकारात्मक प्रतिज्ञान(Affirmation) दें।
- दिन की शुरुआत अच्छे कामों जैसे योग, ध्यान और अच्छी क़िताबें पढ़ने से करें।
- हमेशा कृतज्ञता का भाव (Attitude of Gratitude) रखें।
- अपना काम स्वयं करने की आदत डालें। घर के छोटे-छोटे कामों से लेकर ऑफिस के कामों तक।
- दिन में कम से कम एक ज़रूरतमंद व्यक्ति की मदद ज़रूर करें।
- अपने आप को विजेता की तरह प्रस्तुत करें।
- अपने रहन-सहन, पहनावे, बालों और बातचीत के तरीक़े को व्यवस्थित रखें।
- हर रोज़ कुछ नया सीखें, अपने कौशल (Skills) को बढ़ाने की दिशा में प्रयासरत रहें।
ये कुछ छोटे-छोटे तरीक़े हैं जो हमारे आत्मविश्वास को बढ़ाने और मन को नियंत्रित(Control Your Mind) करने में मदद कर सकते हैं। आप अपने हिसाब से कुछ और तरीक़े भी अपना सकते हैं, जो आपको लगे कि आपका आत्मविश्वास बढ़ा सकते हैं।
शांत रहें तथा कम बोलें
हम जितने अधिक शांत-चित्त और स्थिर रहते हैं, हम उतने ही अच्छे निर्णय लेने और अपने काम को करने में सक्षम होते हैं। अधीरता और अशांति से लिए गए निर्णय ज़्यादातर ग़लत ही होते हैं। इसीतरह से कई बार हम ज़ल्दबाज़ी में कुछ ऐसा बोल जाते हैं, जो सामने वाले को दुखी कर देता है और उसके दिमाग में हमारी नकारात्मक छाप हमेशा के लिए छोड़ जाता है। इसलिए
- दिन की शुरुआत में 5-10 मिनट शांत बैठकर ख़ुद को स्थिर करने का अभ्यास करें।
- सुबह-सुबह कुछ न कुछ प्रेरक पढ़ने या सुनने का अभ्यास करें।
- ऐसे लोगों की संगत(Association) करें जो हमेशा उत्साहित(Motivated) रहते हैं।
- रोज़ अच्छी आदतें(Habits) विकसित करें।
- किसी न किसी को अपना गुरू(Mentor) बना लें, जो आपको गाइड करता रहे।
(संगत, आदत और गुरू सफलता के लिए अपरिहार्य सूत्र हैं।)
- कई बार बोलना ज़रूरी होता है लेकिन हर बार ज़रूरी हो ऐसा नहीं है। इसलिए हर बात पर प्रतिक्रिया(Reaction) देने से बचें।
- जब भी किसी बात का ज़वाब देना ज़रूरी हो तो कुछ क्षण के लिए शांति से सोचें और फिर अपनी प्रतिक्रिया दें, ऐसा करने से आप स्थिति को समझ पाते हैं। आपका ज़वाब उचित और प्रभावकारी होगा।
- कोई भी बात बोलने से पहले सोचें कि यदि यही बात कोई आपको बोलेगा तो आप कैसा महसूस करेंगे? यदि आप को ठीक लगे तो ही बोलें।
- शब्दों के घाव गोली या चाकू के घाव से ज़्यादा गहरे होते हैं। इस सूत्र को अपने मन में बैठा लें। (इस कहानी को सुनें)
अपने लक्ष्य बनाएँ और उनके बारे में सोचें
आपके पास हमेशा लक्ष्य होने चाहिए। लक्ष्यविहीन व्यक्ति उस जहाज़ की तरह होता है जिसे बिना किसी निर्धारित गंतव्य और बिना चालक दल के समुद्र में छोड़ दिया जाय तो उसका हश्र क्या होगा? आप सोच सकते है। इसलिए हमेशा अपने लिए लक्ष्य निर्धारित करें और उसे हासिल करने की दिशा में प्रयासरत रहें। (लक्ष्य कैसे बनाएँ? इस बारे में हम अलग से चर्चा करेंगे।)
अपने लक्ष्यों को हमेशा अपने आँखों के सामने रखें, ख़ाली समय में उन लक्ष्यों के बारे में सोचें। लक्ष्यों की दिशा में बढ़ते हुए क्या-क्या अड़चनें आती हैं और उनको दूर करने के उपायों के बारे में विचार करें। लक्ष्यों को हासिल करने के लिए यदि किसी ख़ास कौशल की ज़रूरत है तो उसे विकसित करने के उपायों के बारे में सोचें और प्रयास करें।
जब भी हम अपने लक्ष्यों के बारे में विचार करते हैं तब हम नकारात्मक और बेकार के विचारों से दूर चले जाते हैं। लक्ष्य हमें एक नई ऊर्जा देते हैं, और मन को नियंत्रित(Control Your Mind) करने में मदद करते हैं।
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अपने दैनिक कामों की व्यवस्थित सूची बनाएँ
हर रोज़ सुबह उठते ही अपने दिनभर के कामों की एक सूची बनाएँ कि आज दिनभर में आपको क्या-क्या काम करने हैं। तीन तरह के कामों की सूची बनाएँ
- अति महत्वपूर्ण काम
- महत्वपूर्ण काम
- कम महत्वपूर्ण काम
इस तरह से आपका पूरा दिन व्यवस्थित होता है और आपको किसी तरह की हड़बड़ाहट नहीं रहती और आप शांत चित्त से अपना दिन गुज़ार पाते हैं। अव्यवस्थित दिनचर्या की वज़ह से हमारा पूरा दिन अपराधबोध और बेचैनी में गुज़रता है और हम नकारात्मकता से भर जाते हैं।
रात को सोने के पहले अपनी सूची को एक बार फिर से देखें और विश्लेषण करें कि कौन से काम पूरे हुए और कौन से रह गए। पूरे हुए कामों के लिए ख़ुद को शाबाशी दें और बच गए कामों को अगले दिन की सूची में जोड़ दें, उनके लिए दुःखी या परेशान न हों। धीरे-धीरे अभ्यास से आप पाएँगे कि आपके सारे काम समय से पूरे होने लगे हैं। आपकी ऊर्जा अपने उच्चतम स्तर पर होगी।
व्यायाम और ध्यान को अपनी दिनचर्या में आवश्यक रूप से शामिल करें
एक स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन का निवास होता होता है। यह बात हम सबने सुनी है लेकिन आज की भाग-दौड़ भरी ज़िंदगी में बहुत कम लोग ही शारीरिक व्यायाम को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाते हैं। रात को देर से सोना और सुबह देर तक सोना, उठते ही काम पर भागना लगभग 95% लोगों की दिनचर्या है। इस तरह की अव्यवस्था हमारी ऊर्जा का क्षय करती है, दिनभर थकान सी बनी रहती है।
बिना उत्साह के काम करने के कारण हम वाँछित परिणाम भी नहीं ला पाते। फलस्वरूप तरह-तरह के मानसिक विकार जैसे- अवसाद, चिंता, कुंठा, तनाव, अनिद्रा, भूलने की आदत इत्यादि आज आम हो गए हैं।
वैज्ञानिक शोध बताते हैं कि शारीरिक व्यायाम और ध्यान करने वाले लोगों में इस तरह के मानसिक विकार बहुत कम ही पाए जाते हैं। और ऐसे लोग ज़्यादातर सकारात्मक सोच वाले होते हैं। वे अपने मन को नियंत्रित(Control Your Mind) करने में सक्षम होते हैं| विषम परिस्थितियों में भी ऐसे लोग स्थिर बने रहते हैं और उनसे आसानी से बाहर निकल जाते हैं।
इसलिए कम से कम 30 मिनट का व्यायाम और 30 मिनट का ध्यान अपनी दिनचर्या का अनिवार्य हिस्सा बना लें। रात में थोड़ा ज़ल्दी सोकर और सुबह थोड़ा ज़ल्दी उठकर 1 घंटा अपने लिए ज़रूर निकालें। यह एक दिन में नहीं होगा लेकिन संकल्प और अभ्यास से यह सम्भव है।
11 Powerful Ways to Control Your Mind? (In Hindi)
रोज़ कुछ अच्छा पढ़ें और कुछ अच्छा सुनें
“पुस्तकें इंसान की सबसे अच्छी मित्र होती हैं।”
“एक अच्छी पुस्तक आपके सम्पूर्ण जीवन को बदल सकती हैं।”
“अगले पाँच साल में आप कहाँ होंगे, यह इस बात पर निर्भर करेगा कि आप किस तरह की पुस्तकें पढ़ते हैं। किस तरह के लोगों के साथ रहते है।”
हर रोज़ कुछ अच्छा और नया पढ़ने की आदत बनाएं। कम से कम आधा घण्टा कोई प्रेरक पुस्तक, किसी महान व्यक्तित्व की जीवनी या अपने काम से सम्बंधित विषय की पुस्तक अवश्य पढ़ें। यह आपकी ऊर्जा और आत्मविश्वास को चरम पर रखने में मददगार साबित होगा। ज्ञान के अभाव में हमारे मन में हीन भावना विकसित होती है जो एक नकारात्मक विचार है। यहाँ पर एक बात और महत्वपूर्ण है कि केवल क़िताबें पढ़ने भर से काम नहीं होगा, आपको उनसे मिली सीखों को जीवन में उतारना भी होगा।
अपनी ऊर्जा और आत्मविश्वास को चरम पर रखने के लिए हर रोज़ कम से कम आधा घण्टा कोई प्रेरक विचार सुनने की आदत भी विकसित करनी होगी। लेकिन आप क्या देखेंगे या सुनेंगे इसका चयन बड़ी ही सावधानी से करें क्योंकि आज इण्टरनेट पर जानकारियों की भरमार है। यदि आप ने ग़लत चयन कर लिया तो हो सकता है कि आप भ्रमित हो जाएं। इसलिए हमेशा वो चुनें जो उपयोगी हो न कि वो जो रोचक हो।
ज़्यादा से ज़्यादा समय ख़ुद को व्यस्त रखें
इंसान का दिमाग सबसे ज़्यादा उत्पादक तब होता है जब वह शांत होता है, शांत होने का मतलब ख़ाली होना नहीं है। कहते हैं न कि ‘ख़ाली दिमाग शैतान का घर।’ सबसे ज़्यादा नकारात्मक विचार तभी आते हैं जब हम ख़ाली होते हैं, हमारे पास करने को कुछ भी नहीं होता। मैंने इस बात को बड़ी शिद्दत से महसूस किया है।
जब भी आपके पास करने को कुछ काम न हो तो उस वक़्त का सदुपयोग व्यायाम करने, पढ़ने, लिखने कुछ सुनने, खेलने में या फिर अच्छे लोगों के साथ बिता कर करें।
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नकारात्मक सूचनाओं और लोगों से दूर रहें
आज हम सूचना के युग में जी रहे हैं, हमारे चारों तरफ सूचनाओं की भरमार है। टी.वी., अख़बार, सोशल मीडिया और प्रचार-तंत्र हर तरफ सूचनाएँ ही सूचनाएँ भरी पड़ी हैं। लेकिन यदि हम इन पर बुद्धिमत्ता से ग़ौर करें तो पायेंगे कि ज़्यादातर भ्रामक और नकारात्मक होती हैं। जितना ज़्यादा हम इनके सम्पर्क में रहते हैं उतने ज़्यादा हम भ्रमित और नकारात्मक विचारों से भरे रहते हैं, जो हमारी ऊर्जा का ह्रास करते है।
संचार माध्यमों का उपयोग आज हमारी ज़रूरत है, लेकिन बहुत ही सजगता से तथा अपने फ़ायदे के लिए इनका इस्तेमाल करना चाहिए।
इसके अलावा हमारे आस-पास कई ऐसे लोग भी होते हैं जो हमेशा शिकायत और नकारात्मक बातें ही करते हैं। ये हमारे घर वाले, दोस्त या रिश्तेदार होते हैं, कई बार इनसे बच पाना मुश्किल होता है। लेकिन यदि आप उनकी हाँ में हाँ मिलाना और उनकी बातों में ध्यान देना बंद कर देते हैं तो वे या तो आप से बात करने से बचेंगे या कुछ सार्थक बात ही करेंगे।
प्रचुरता के बारे में सोचें
आज हर इंसान इस बात से दुःखी नहीं है कि उसके पास कम है, बल्कि वह इस बात से ज़्यादा दुःखी है कि दूसरों के पास ज़्यादा है। उसे लगता है कि ईश्वर ने उसके साथ नाइंसाफ़ी की है। जबकि ऐसा नहीं है, हमें हमारी सोच और हमारे प्रयासों के अनुपात में ही परिणाम मिलते हैं। प्रकृति कभी भी भेद-भाव नहीं करती। इस ब्रह्माण्ड में हर चीज़ प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है नये-नये अवसरों की कोई कमी नहीं है। यह हर उस इंसान के लिए है जो इसे शिद्दत से पाना चाहता है और ईमानदारी से प्रयास करता है।
कई बार हम देखते हैं कि लोग ख़ूब मेहनत करते हैं, दिन-रात पाग़लों की तरह खटते रहते हैं। लेकिन परिणाम उस अनुपात में नहीं मिलते। कभी आपने सोचा ऐसा क्यों होता है? नहीं न? अब ज़रा आप ऐसे लोगों से बात करके देखें और उनके शब्दों पर ग़ौर करें कि वो किस तरह से बात करते हैं?
वो हमेशा शिकायत करते रहते हैं और ईश्वर को कोसते रहते हैं, मतलब नकारात्मक विचारों से भरे रहते हैं। मन पर उनका नियंत्रण(Control Your Mind) नहीं होता|कभी भी इस बात पर विचार नहीं करते कि यदि उन्हें वांछित परिणाम नहीं मिल रहे हैं तो हो सकता है कि उनके काम करने के तरीक़े या काम में बदलाव की ज़रूरत हो। ऐसे लोग कभी भी कुछ नया करने या सीखने का प्रयास नहीं करते।
अपना काम पूरी शिद्दत से करें, हमेशा आशान्वित रहें, नये अवसरों की तलाश में उत्साहित रहें और सोचें कि ब्रह्माण्ड में हर चीज़ प्रचुर मात्रा में है और जो किसी एक को मिल सकती है, आपको भी ज़रूर मिलेगी।
11 Powerful Ways to Control Your Mind (In Hindi)
अब तक हमने 10 तरीक़ों के बारे में बात की, हमारा विश्वास है कि यदि आपने इनको जीवन में अपनाया तो निश्चित ही अपने मन पर नियंत्रण(Control Your Mind) रख कर सफलता हासिल कर सकते हैं। आइए अब 11वें शक्तिशाली और अतिमहत्वपूर्ण तरीक़े की चर्चा करते हैं।
वर्तमान क्षण में जीने की आदत डालें
जब हम अपने मन और विचारों पर नियंत्रण(Control Your Mind) करने की दिशा में प्रयासरत हों तो हमें एक मज़बूत मानसिक स्थिति की ज़रूरत होगी। वर्तमान में रहने का अभ्यास इस दिशा में ज़ादुई काम करता है। जब भी नकारात्मक विचार हम पर हावी होने लगें, तो इन्हें पहचानें, उनपर से ध्यान हटाकर सकारात्मक विचारों को आने दें, और उस समय पर आप जो कुछ भी कर रहे हों पूरा ध्यान उस काम पर केंद्रित करें। ख़ुद के साथ ज़ादुई संवाद करें।
मान लेते हैं कि आप स्नान कर रहे हैं और अचानक से नकारात्मक विचार आने लगें तो तत्काल अपना पूरा ध्यान स्नान पर केंद्रित करें। पानी की शीतलता को महसूस करें, पानी गिरने की आवाज़ को सुनें, साबुन या शैम्पू की खुशबू को महसूस करें। अपने आप को आवाज़ के साथ बताएँ कि मैं नहा रहा हूँ, यह ठण्डा पानी मुझसे कुछ कह रहा है, साबुन के बुलबुले मुझसे बात कर रहे हैं। मेरे शरीर की गंदगी साफ़ हो रही है और मैं अच्छा महसूस कर रहा हूँ। आप चाहें तो अपने आस-पास की चीज़ों को धन्यवाद भी कह सकते हैं। यह सब कुछ सहज होने दें कोई तर्क ना करें।
पहली बार में हो सकता है आप को झिझक लगे, यह मूर्खतापूर्ण लगे, लेकिन आज़मा कर देखें यह वास्तव में काम करता है। हर आती जाती श्वांस के साथ ख़ुद को शांत और सहज महसूस करें। ख़ुद को कहें- शांत…शांत….शांत…. ।
मन और विचारों पर नियंत्रण(Control Your Mind) के प्रयास में हमेशा याद रखें कि यह आपकी स्वंत्रता और चुनाव है। यह निर्धारित करने का मौक़ा आपको मिला है कि आप क्या करना चाहते हैं, क्या बनना चाहते हैं, किसके साथ रहना चाहते हैं, क्या खाना और पहनना चाहते हैं? आप अपनी ज़िंदगी की लग़ाम किसी और के हाँथ में नहीं दे सकते। इस तरह से आप यह भी तय करने में सक्षम हो जाएंगे कि किस तरह के विचारों को आप आने देंगे नकारात्मक या सकारात्मक।
11 Powerful Ways to Control Your Mind (In Hindi)
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