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Believe in Yourself( ख़ुद पर विश्वास रखें )

Believe in Yourself(ख़ुद पर विश्वास रखें)

आमतौर पर हम सभी के जीवन में कभी न कभी ऐसा पल आता है, जब हमारा ख़ुद पर से विश्वास (Believe )उठ जाता है, हमें लगने लगता है कि हमारे जीवन की कोई क़ीमत ही नहीं। हम सोचने लग जाते हैं कि  हमारे साथ ही ऐसा क्यों होता है? लेकिन ऐसे समय में हमें एक प्रेरणा(Motivation) की ज़रूरत होती है, एक गुरू(Mentor) की ज़रूरत होती है जो हमें हमारी क़ीमत(Value) का ज्ञान कराए।

हम अपने आप को कैसे आँकते हैं,, 
क्या हम वो हैं जो राय दूसरे हमारे बारे में बनाते हैं,,
आपका जीवन अमूल्य है, आपके जीवन का कोई मोल नहीं लगा सकता,
आप वो कर सकते हैं, जो आप अपने बारे में सोचते हैं,
कभी भी दूसरों की नकारात्मक राय से अपने आप को कम मत आँकिये।

आज एक छोटी सी कहानी के माध्यम से हम समझने की कोशिश करते हैं।

एक बार की बात है, एक व्यक्ति जीवन में लगातार असफलताओं का सामना करते हुए, बेहद निराश हो चुका था। एक दिन काफ़ी निराश-हताश होकर अपने गुरू के पास गया और बोला -“गुरूजी मैं अपनी ज़िन्दगी में मिल रही नाकामियों से तंग आ चुका हूँ। मेरे जीवन का कोई मोल नहीं रहा, कृपया मेरा मार्गदर्शन करें।”  

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Believe in Yourself

काफ़ी सोच विचार करने के बाद उसके गुरू ने उसे एक चमकदार पत्थर दिया और कहा “जाओ बाज़ार में इस पत्थर की क़ीमत का पता करो, लेकिन ध्यान रहे कि इस पत्थर को बेचना नहीं है।” आशा है तुम्हें तुम्हारे प्रश्न का उत्तर मिल जायेगा। 

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Believe in Yourself

वो व्यक्ति उस चमकदार पत्थर को लेकर सबसे पहले एक फल वाले के पास गया और बोला “भाई..! ये पत्थर कितने में ख़रीदोगे?”फल वाले ने पत्थर को ध्यान से देखा और बोला “मुझसे 2 किलो सेव ले जाओ और ये पत्थर मुझे दे दो।”

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Believe in Yourself

उस व्यक्ति ने कहा कि नहीं मैं ये पत्थर बेच नहीं सकता मुझे तो बस इसकी क़ीमत जाननी है। फिर वो आदमी एक सब्ज़ी वाले के पास गया और उससे बोला “भाई !…ये पत्थर कितने में ख़रीदोगे?”

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सब्ज़ी वाले ने बड़े गौर से पत्थर को देखा और बोला – “मुझसे एक बोरी आलू ले जाओ और ये पत्थर मुझे बेच दो।” लेकिन गुरू के कहे अनुसार उस व्यक्ति ने कहा कि नहीं मैं ये बेच नहीं सकता।

फिर वो व्यक्ति उस पत्थर को लेकर एक सुनार की दुकान पर गया जहाँ तरह-तरह के आभूषण रखे हुए थे। उस व्यक्ति ने सुनार को वो पत्थर दिखाया और उस सुनार ने बड़े ध्यान से उस पत्थर को देखा और फिर बोला “मैं तुम्हें इसके 1 करोड़ रुपये दूंगा, ये पत्थर मुझे बेच दो।” फिर उस व्यक्ति ने सुनार से माफ़ी मांगी और कहा कि ये पत्थर मैं बेच नहीं सकता। सुनार ने फिर कहा “अच्छा चलो ठीक है, मैं तुम्हे 2 करोड़ रु. देता हूँ, ये पत्थर मुझे बेच दो।”

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सुनार की बात सुनकर वो व्यक्ति चौंक गया, लेकिन सुनार को मना करके वो आगे बढ़ गया और एक हीरे बेचने वाले की दुकान पर गया।

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हीरे के व्यापारी ने उस चमकदार पत्थर को पूरे 10 मिनट तक देखा और फिर एक मलमल का कपड़ा  लिया और उस पत्थर को उस पर रख दिया। उस व्यापारी ने अपना सर उस पत्थर पर लगा कर माथा टेका और कहा “तुम्हें ये कहाँ मिला? ये इस दुनिया में सबसे अनमोल रत्न है। अगर इस दुनिया की पूरी दौलत भी लगा दी जाए तो इस पत्थर को ख़रीदा नहीं जा सकता।”

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यह बात सुनकर वह व्यक्ति बड़ा हैरान हुआ और सीधा अपने गुरू के पास गया। उन्हें पूरी बात बताई और फिर उसने गुरू से कहा “हे गुरुवर अब मुझे बताइये कि मेरे इस जीवन का मोल क्या है?”

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गुरू ने कहा “फल वाले ने, सब्ज़ी वाले ने, सुनार ने और हीरे के व्यापारी ने तुम्हें जीवन की क़ीमत बता दी थी। किसी के लिए तुम एक पत्थर के टुकड़े समान हो और किसी के लिए बहुमूल्य रत्न। हर किसी ने अपनी जानकारी के अनुसार तुम्हें उस पत्थर की क़ीमत बताई लेकिन उस हीरे के व्यापारी ने इस पत्थर को पहचान लिया।

ठीक उसी तरह कुछ लोग तुम्हारी क़ीमत नहीं पहचानते, इसलिए ज़िन्दगी में कभी निराश मत होना।इस दुनिया में हर मनुष्य के पास कोई ना कोई ऐसा हुनर होता है, जो सही वक़्त पर निखर कर आता है लेकिन उसके लिए परिश्रम और धैर्य की ज़रूरत है। जिस दिन तुम्हें और दुनिया को तुम्हारी सही क़ीमत पता चल जायेगी, उस दिन तुम्हें ख़ुद पर गर्व होगा और विश्वास (Believe) भी।”

दोस्तों, हमें ज़रूरत है अपने ऊपर विश्वास (Believe in Yourself)करने की। आप सबसे अलग हो। कड़े परिश्रम से आप ख़ुद का व्यक्तित्व निखार सकते हैं। उस दिन पूरी दुनिया आपके हुनर को समझ जायेगी और आपकी ज़िन्दगी में खुशहाली और सम्मान होगा।  

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