Site icon MSUVACH

सफलता के चार नियम-4 LAWS OF SUCCESS

1. बिलीफ़ का नियम 2. अपेक्षा का नियम 3. कल्पना का नियम 4. आकर्षण का नियम

4 Laws of Success

पिछले 5000 सालों के अंकित इतिहास में महान पुरुषों और महिलाओं ने भिन्न-भिन्न तरीक़ों से यह बात कही है कि हम जैसे हैं, वैसे हमारी सोच की वज़ह से हैं और हमारी सोच हमारे विश्वास (BELIEF), अपेक्षाओं और कल्पनाओं पर आधारित है। इन सब बातों के आधार पर फिर परिस्थितियाँ आकर्षित होती हैं।

दुनिया में हर इंसान कामयाब होना चाहता है जो कि उसका हक़ भी है लेकिन अगर हम अपने आस-पास, समाज और दुनिया भर में नज़र डालें तो कम ही लोग कामयाब मिलते हैं। ऐसा नहीं है कि सफलता किसी एक या कुछ लोगों के लिये ही होती है फ़र्क बस इतना होता है कि सफल लोग वो सब करते हैं जो असफल लोग करना नहीं चाहते जबकि सफलता के लिये वह सब ज़रूरी होता है।

अधिकांश लोग जीवन में सफलता और खुशियों को धन-दौलत से आँकते हैं। जबकि सफलता और खुशियाँ जीवन में पाँच पहलुओं के समन्वय से आती हैं; धन-दौलत, उत्तम स्वास्थ्य, मधुर सम्बंध, आपका मनपसंद कैरियर या प्रोफेशन और एक मज़बूत आध्यात्मिक आधार।

हमारे जीवन में सफलता और विफलता हमारे बिलीफ़(BELIEF) सिस्टम पर निर्भर करती है। बिलीफ़(BELIEF) एक ट्रिगर है जो ऐसी घटनाओं की एक श्रृंखला शुरू कर सकता है जिससे यह सिद्ध होता है कि आप जो मानते हैं वह सही है।

उदाहरण के लिए, कई जगहों पर लोग यह मानते हैं कि यदि बिल्ली रास्ता काट दे तो अपशगुन होता है। ऐसा होने पर, इस बिलीफ़(BELIEF) के आधार पर वे कुछ बुरा होने की उम्मीद करने लगते हैं। ज़ल्द ही वे अनचाही घटनाओं की कल्पना करने लगते हैं, जो फिर ख़राब क़िस्मत को साकार करने के लिए आवश्यक संसाधनों को आकर्षित करती है। अंततः उनकी बिलीफ़(BELIEF) सही सिद्ध होती है और पहले से भी अधिक मज़बूत हो जाती है।

जब हम एक कम्प्यूटर ख़रीदते हैं तो उसके साथ इस्तेमाल करने की मार्गदर्शिका’ भी आती है। हमारा मन दुनिया का सर्वश्रेष्ठ कम्प्यूटर है। दुर्भाग्य से उसके साथ ऐसी कोई मार्गदर्शिका नहीं आती। दरअसल इसका सही तरह से उपयोग करना हमें ख़ुद ही सीखना होता है।

जिस तरह से हर चीज़ के लिये कुछ नियम, क़ानून या क़ायदे होते हैं उसी तरह सफलता के भी कुछ नियम और क़ायदे होते हैं जिनको अपनाकर कोई भी व्यक्ति जीवन के किसी भी क्षेत्र मे सफल हो सकता है।

हमारे मन की शक्तियों का पूरी तरह से उपयोग करने के लिए 4 सार्वभौमिक नियमों का पूरी शिद्दत से पालन करना ज़रूरी है।

सफलता के चार नियम-4 LAWS OF SUCCESS

जो लोग अपने लक्ष्य और सपनों को पाने में सफल होते हैं, वे प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से सफलता के इन चार नियमों को समझते हैं। हमें चाहे इनकी जानकारी और इन पर विश्वास (BELIEF) है या नहीं, पर ये नियम काम करते रहते हैं। हम इन्हें ग़लत सिद्ध करने का चाहे कितना भी प्रयास कर लें, ये काम करते हैं।

गुरुत्वाकर्षण और चुम्बक के आकर्षण की तरह सफलता का नियम भी सार्वभौमिक है तथा सदैव कार्यरत है। जितनी बार आप इन्हें ग़लत साबित करने का प्रयास करेंगे, उतनी बार आप इनकी पुष्टि करेंगे। चाहे आप सजग होकर इनका उपयोग करें या न करें, ये सदैव काम करते रहते हैं।

समझदारी इसी में है कि हम इनसे अपने हित में काम करवाएं। या तो हम इन नियमों का, अपनी सफलता के सहयोगी के रूप में उपयोग कर सकते हैं या इनकी अनदेखी करके अपनी सफलता को संयोग के सहारे छोड़ सकते हैं।

इन नियमों की सही समझ और सही अभ्यास से कोई भी व्यक्ति जो भी सफलता और खुशियाँ हासिल करना चाहता है, वह हासिल कर सकता है। ये नियम सरल हैं और इनका सही तरह से उपयोग करके आप अपना भाग्य सवांर सकते हैं तथा अपने जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में प्रचुरता उजागर होने का अनुभव पा सकते हैं। यह समझना अत्यंत ज़रूरी है कि आप इतने सुखी और भाग्यशाली हो सकते हैं जिसकी कोई सीमा नहीं है।   

आइए संक्षेप में इन नियमों की चर्चा करते हैं:-

सफलता के चार नियम-4 LAWS OF SUCCESS

1.विश्वास का नियम(Law of BELIEF) :-

कामयाब तो हम सब होना चाहते हैं, कोशिश भी करते हैं लेकिन कई बार हमे विश्वास (BELIEF) ही नहीं होता की सच में हम कामयाब हो जाएंगे। जिस दिन आप यह तय करते हैं कि आपको सफल होना है और विश्वास(BELIEF) करते हैं कि आप सफल हो जाएंगे उस दिन से आपकी राह मे आने वाली कोई भी बाधा आपको रोक नहीं पाएगी। विश्वास में बहुत बड़ा जादू होता है। रॉबर्ट जे शुलर ने अपनी पुस्तक बड़ी सोच का बड़ी जादू में लिखा है कि “विश्वास से पहाड़ भी हिलाए जा सकते हैं।”

विश्वास(BELIEF) संक्रामक होता है। जैसे विचार या विश्वास(BELIEF) हमारे भीतर होते हैं वैसे ही लोग हमारे आस-पास होंगे और वैसे ही परिणाम भी हमें प्राप्त होंगे।  

2.अपेक्षा(आशा) का नियम(Law of Expectation):-

“अपेक्षा वास्तविकता का सृजन करती है और उसे आकार देती है।”

                                        -देबाशीश मृधा

आपकी अपेक्षाएं आपकी वास्तविकता को आकार देती हैं। जब आप कामयाबी की राह पर आगे बढ़ते हैं तो आपका मन अपेक्षाओं से भरा होना चाहिए, आपको हमेशा यह उम्मीद रखनी होगी कि आप जो भी काम करेंगे, जिससे भी मिलेंगे वह सब आपकी सफलता में सकारात्मक परिणाम ही देंगे। जो अभी तक नहीं घटा, उसके घटने की परिकल्पना ही उम्मीद है। कभी भी नकारात्मक विचार या परिणाम की अपेक्षा या उम्मीद ना करें। याद रखिए, नकारात्मक अपेक्षाएं, नकारात्मक बिलीफ़स् पर आधारित होती हैं। नकारात्मक बिलीफ़ को सकारात्मक बिलीफ़(BELIEF) में बदल कर हम आत्म-संदेह को शक्तिशाली उम्मीद में बदल सकते हैं।  

3.कल्पना का नियम(Law of Imagination):-

“प्रत्येक व्यक्ति मानसिक चित्रण करता है, चाहे उसे पता हो या न हो। मानसिक चित्रण सफलता का सबसे बड़ा रहस्य है।”

                                                -जेनेवीव बेरहरे

अब आप को भरोसा(BELIEF) है की आप कामयाब होंगे। आप सकारात्मक अपेक्षाओं से भरे हैं, अब बारी आती है आपकी कल्पना शक्ति की। आज आप भले ही कामयाब नहीं हैं लेकिन आप को अपने दिमाग में यह कल्पना करनी होगी कि आप कामयाब हो चुके हैं। जब आप किसी विशेष परिणाम का मानसिक चित्रण करते हैं, और सभी भावों को उससे जोड़ते हैं तो आप उस परिणाम को गतिमान करते हैं।

आप कल्पना करें कि जब आप कामयाब होंगे तब आपकी ज़िदगी कैसी होगी? आपके जीवन में क्या-क्या परिवर्तन आएंगे? अपनी कल्पना में हमेशा उन अहसासों को साकार होते हुए महसूस करें और उसी तरह के बर्ताव अपने दैनिक जीवन में लाएं जो सफल होने के बाद आपके जीवन में आने वाले हैं। क्योंकि पहले कामयाबी भीतर से आयेगी उसके बाद बाहर से।   

4.आकर्षण का नियम(Law of Attraction):-

आप जिस चीज़ पर भरोसा(BELIEF) करते हैं, उसकी अपेक्षा करते हैं और अपने वर्तमान में उसे महसूस करते हैं तो आपका अवचेतन मन उसे स्वीकार कर लेता है। अवचेतन मन में जो भी बात या एहसास गहरे बैठ जाते हैं सारी क़ायनात वह सब हमारे आस-पास लाने का उपक्रम करने लगती है। हमारा अवचेतन मन उन बातों, विचारों और अहसासों को आकर्षित करने लगता है और उन्हें हासिल करने के रास्ते भी तैयार कर देता है।

आपका सपना चाहे छोटा हो या कितना भी बड़ा हो, यदि आप को उस पर विश्वास है, उसके साकार होने की उम्मीद है और आप उसके अभी मौज़ूद होने की कल्पना कर सकते हैं तो उसे साकार होना ही होगा। छोटे सपनों के साकार होने और बड़े सपनों के साकार होने की प्रक्रिया में बिलकुल भी अंतर नहीं है। क़ुदरत के लिए दोनों एक समान हैं। आपकी सोच उसे आसान या कठिन बनाती है।

सफलता की राह में हताशा, निराशा और अविश्वास की कोई जगह नहीं होनी चाहिए। दुनिया में जितने भी कामयाब लोग हैं, अगर हम उनके जीवन पर नज़र डालें तो पाएंगे कि वे हमेशा सकारात्मक विश्वास(BELIEF) से भरे होतें हैं हर स्थिति-परिस्थिति में वे सकारात्मक अपेक्षाएँ रखते हैं।

भविष्य में जो भी वो हासिल करने वाले होते हैं उसकी कल्पना वो वर्तमान में ही कर लेते हैं और उसी तरह का व्यवहार अपने जीवन में उतार लेते हैं। आकर्षण के नियम की वज़ह से उनका अवचेतन मन हर उस चीज़ को अपनी ओर आकर्षित करता है जिसकी वो कल्पना करते हैं, और यही वज़ह है कि वे और-और सफल होते चले जाते हैं।

यही उनकी कामयाबी का रहस्य होता है।

अब तक कि बातचीत में इतना तो स्पष्ट हो ही गया होगा कि सफलता कोई दूर की कौड़ी नहीं है बस यह एक निर्णय है जो हमें लेना है और सफलता के नियमों का पूरी ईमानदारी से पालन करना है।  

अब तक हमनें संक्षेप में सफलता के 4 नियमों की बात की। यदि आप इन नियमों को विस्तार से जानना और समझना चाहते हैं तो आप श्री कुलीन देसाई की पुस्तक BELIEVE AND ACHIEVE पढ़ सकते हैं। यह पुस्तक अंग्रेज़ी में है इसका हिंदी अनुवाद मानो वो पाओ भी उपलब्ध है साथ ही यह ऑडियो सी. डी. में भी उपलब्ध है।

श्री कुलीन देसाई अत्यंत सफल व्यवसाई और जाने-माने वक्ता हैं, उनका व्यवसाय पूरी दुनिया में फैला हुआ है। कुलीन जी अक्सर सफलता के सिद्धांतों, लीडरशिप कुशलता, आर्थिक सफलता, स्वास्थ्य और अध्यात्म की बात करते हैं। इस पुस्तक में कुलीन जी ने जिन नियमों की बात की है, उन्होंने उनका अपने जीवन में उपयोगकरके अपार सफलता पाई है। यह पुस्तक उनके ख़ुद के अनुभवों पर आधारित है। मेरा विश्वास है कि कोई भी इस पुस्तक को पढ़कर और सफलता के नियमों का अनुसरण कर जीवन के हर क्षेत्र में कामयाबी हासिल कर सकता है।

KULIN DESAI

SUBSCRIBE- MSUVACH-BOOKTUBE

FOR MORE BOOKS REVIEWS

Exit mobile version